1857 की क्रांति के मुख्य बिंदु

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क्रांति की शुरुआत :- मेरठ से 10 मई 1857 को
क्रांति के समय भारत का गवर्नर जनरल :- केनिंग
क्रांति के समय केन्द्रीय नेता :- बहादुर शाह जफ़र
क्रांति के समय राजस्थान का एजेंट तो गवर्नर जनरल :- जार्ज पेट्रिक लोरेन्स
क्रांति के समय राजस्थान में अलग अलग जगह पॉलिटिकल एजेंट थे

  • 1. कोटा का पॉलिटिकल एजेंट :- बर्टन
  • 2. मारवाड़ का पॉलिटिकल एजेंट :-मैक मोसन
  • 3. मेवाड़ का पॉलिटिकल एजेंट :- शावर्स
  • 4. जयपुर का पॉलिटिकल एजेंट :- ईडन
  • 5. भरतपु का पॉलिटिकल एजेंट :- मोरिसन

  • क्रांति के मुख्य कारण :-
    [1] राजनैतिक कारण
    [2] धर्मिक कारण
    [3] आर्थिक कारण
    [4] सैन्य एंव तात्कालिक कारण

    [1] राजनैतिक कारण
    1798 से 1805 के बीच एक संधि हुई थी वैलेजली की सहायक संधि मराठो से परेशान राजाओं ने अंग्रेजो से संधि की थी दूसरी 1817 से 1823 के बीच दूसरी संधि हुई जिसका नाम था हेस्टिंग्स की सहायक संधि तथा तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड डलहोजी की हडपन की नीति भी एक कारण थी
    [2] धर्मिक कारण
    धार्मिक रूप से लोगो को ठेस पहुंचाई गई 1813 में एक नियम आया था अंग्रेजो का इसाई धर्म के लोग धार्मिक प्रचार प्रसार कर सकते हैं बाकी नहीं कर सकते सती प्रथा पर रोक लगे विधवा विवाह वापस शुरू कर दिया तथा धार्मिक यात्रा पर भी टैक्स लगा दिया
    [3] आर्थिक कारण
    अंग्रजो ने आर्थिक रूप से भारत के किसानो को क्रांति के लिए मजबूर कर दिया खासकर किसान वर्ग को शोषित किया उनके उत्पादन पर भारी टैक्स(कर) लगाने लगे आर्थिक रूप से हर वर्ग का शोषण किया अंग्रेजो ने दादा भाई नैरोजी ने इसका विरोध भी किया लन्दन में जाकर प्रचार किया की इंडिया में यह हाल हैं लेकिन कोई कुछ नहीं हुआ
    [4] सैन्य या तात्कालिक कारण
    यह मुख्य कारण था क्रांति का
    मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं

    शुरुआत :-34 विं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री बैरंकपुर प.बंगाल से
    सैनिक :- मंगल पांडे
    बन्दुक पहले :- ब्राउन सुगर
    नयी बन्दुक :- एनफील्ड रायफल
    अफवाह :- अफवाह यह थी की जो नयी बन्दुक आई हैं इसमें गाय और सूअर की चर्बी लगी हुई हैं
    मगल पांडे :- दो अंग्रेजो को मार दिया बाफ और हिल्सन 29 मार्च 1857 को
    गिरफ्तार :- मंगल पांडे को फांसी 08-अप्रैल-1857 को (अंग्रेजो से विरोध का मतलब फांसी )
    पहली घटना :-यह क्रांति की शुरुआत न होकर पहली घटना थी


    क्रांति की शुरुआत
    योजना :- गंगा नदी के किनारे कुछ लोग इक्कठा हुए
    तारिख तय :- 31 मई 1857
    नारा :- मारो फिरंगी
    प्रतिक चिन्ह :- रोटी (चपाती ) एंव कमल
    10 मई 1857(रविवार):- क्रांति की (समय से पहले )शुरुआत मेरठ से
    सैनिक विद्रोह :- अंग्रेज अधिकारीयों को मारकर छावनी को आग लगा दी
    नेतृत्व:- मेरठ से सैनिक भाग कर दिल्ली आ गए बहादुर शाह जफर के पास
    बहादुरशाह जफर :- उम्र 82 वर्ष 1857 की क्रांति के समय केन्द्रीय नेता 12 मई को बहादुर शाह जफर ने नेतृत्व के लिए अपने आप को बादशाह घोषित किया
    राणी लक्ष्मी बाई :- बहादुर शाह के बादशाह बनने की खबर सुनकर झाँसी की राणी लक्ष्मी बाई (मणि कर्णिका )ने भी वचन लिया "मैं गंगाधर राव की पत्नी लक्ष्मी बाई जब तक जिन्दा हूँ झाँसी को अंग्रेजो के अधिक नहीं होने दूंगी" फिर अंग्रेजो अधिकारी ह्यूरोज के साथ युद्ध हुआ और लक्ष्मी बाई वीरगति को प्राप्त हो गई
    तांत्या टोपे:- रामचन्द्र पांडुरंग नाम था इतिहासकारों के अनुसार 1857की क्रांति का नेतृत्व तांत्या टोपे करता तो क्रांति सफल हो सकती थी और भारत 1857 में आजाद हो जाता
    ग्वालियर पर अधिकार :- तांत्या टोपे + राणी लक्ष्मी बाई ने कर लिया

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